NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT MAHAVIDYA BAGLAMUKHI

Not known Factual Statements About mahavidya baglamukhi

Not known Factual Statements About mahavidya baglamukhi

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नोट : सामान्य व्यक्ति को यह साधना किसी योग्य गुरु के निर्देशन में करनी चाहिये, क्योंकि यह साधना तलवार की धार के समान है। सामन्य पंडित भी इस प्रकार की साधना सम्पन्न कराने में हिचकिचाते है। यदि थोड़ी सी भी ग़लती हो जाती है तो साधना करने वाले व्यक्ति को नुकसान हो जाता है। इस साधना को गुरु के निर्देशन में अवश्य ही करें या हमारे उच्चकोटि पंडितों से करवा सकते है और बगलामुखी “सिद्ध यन्त्र” प्राप्त कर धारण कर सकते है।

वदामस्ते मातः श्रुति मुखकरं नामललितं लसन् मात्रावर्णं जगति बगळेति प्रचरितं । चलंतः तिष्ठंतो वयं उपविशंतोऽपि शयने भजामोयत् श्रेयो दिवि दुरवलभ्यं दिविषदाम् ।।

देव्यालये पठन् मर्त्यो बगळां ध्यायतीश्वरीं । पीतवस्त्रावृतो यस्तु तस्यनश्यंति शत्रवः ।।

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ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा ।

jihvāgramādāya karēṇa dēvīṁ vāmēnaśatrūn paripīḍayantīṁ gadābhi ghātēna ca dakṣiṇēna pītānrāḍhyāṁ dvibhujāṁ namāmi

Her Puja (worship) ritual infuses Her protecting blessings With all the delicate bodies of an individual thus developing a positive & protecting aura of energies which can be Divine and enable it to be not possible for negative energies to permeate.

इति बगलामुखी अथवा पीताम्बरी ध्यानम् ॥

तव चरण सरोजं सर्वदा सेव्यमानं द्रुहिण हरि हराद्यैः देवबृंदैः शरण्यं । मृदुमपि शरणं ते शर्मदं सूरिसेव्यं वयमिह करवामो मातरेतद् विधेयम् ।।

The demon Madan caused great havoc in the world and people. Demigods and goddesses tried to halt him; however, he was way effective, in order that they couldn’t tint a dime on him.

There are actually occasions in which she is claimed being seated on corpse. There may be a specific follow named “śava sādhana” or practices that has a corpse. more info She is usually stated to get Main of Military of Lalitāmbikā, probably an indirect reference to Vārāhī (Lalitā Sahasranāma 76 speaks about Vārāhī).

॥ ॐ ह्लीं बगलामुखीं सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं फट् ॥

when maintaining one other 3 fingers straight. Now launch the joined fingers to ensure that immediately after the release, the thumb points in the direction.

भारतीय तन्त्र-मन्त्र साहित्य अपने आप में अद्भुत, आश्चर्यजनक एवं रहस्यमय रहा है। ज्यों-ज्यों हम इसके रहस्य के मूल में जाते हैं, त्यों-त्यों हमें विलक्षण अनुभव होते हैं। इस साहित्य में कुछ तन्त्र-मन्त्र तो इतने समर्थ, बलशाली एवं शीघ्र फलदायी हैं कि चकित रह जाना पड़ता है। ऐसे ही यंत्रों में एक यन्त्र है- बगलामुखी यन्त्र जो किसी भी प्रचंड तूफ़ान से भी टक्कर लेने में समर्थ है। शत्रुओं पर हावी होने, बलवान शत्रुओं का मान-मर्दन करने, भूतप्रेतादि को दूर करने, हारते हुए मुक़दमों में सफलता पाने एवं समस्त प्रकार से उन्नति करने में बगलामुखी यन्त्र श्रेष्ठतम माना जाता है। जिसके पास यह यन्त्र होता है उस पर किया गया तान्त्रिक प्रभाव निष्फल रहता है।

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